"शोख़ नज़र"(रुबाइ)

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"वह   शोख़  नज़र  मिलती  ही  नहीं  और दिल की कली खिलती भी नहीं !  ये   अपनी   वफ़ा   का   आलम   है  और  उनकी  जफ़ा  टलती  भी ...

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